Cooperative Taxi App India दिल्ली में शुरू होगी सहकारी राइड-हेलिंग सेवा: अब ड्राइवरों को मिलेगा 100% किराया और यात्रियों को सस्ती, सर्ज-फ्री सवारी

Cooperative Taxi App India : दिल्ली सरकार अब राजधानी के टैक्सी और कैब सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाने जा रही है। सरकार जल्द ही शहर की पहली “सहकारी राइड-हेलिंग सेवा” (Cooperative Ride-Hailing Service) शुरू करने की योजना बना रही है, जो मौजूदा कॉर्पोरेट कैब प्लेटफॉर्म जैसे Ola और Uber का एक बेहतर, सस्ता और पारदर्शी विकल्प साबित हो सकती है।

दिल्ली सरकार राइड-हेलिंग सेवा की योजना बना रही है
Cooperative Taxi App India

 

इस योजना का उद्देश्य है — यात्रियों को किफायती और सर्ज-मुक्त किराया देना, और साथ ही ड्राइवरों को उनकी मेहनत की पूरी कमाई (100%) अपने पास रखने का अवसर प्रदान करना।


🧩 दिल्ली सरकार का नया प्रयोग: “ड्राइवर खुद होंगे मालिक”

दिल्ली के सहकारिता मंत्री रविंदर इंद्राज ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह पहल शहर में सहकारी आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि — “हमने अधिकारियों से कहा है कि वे इस प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता रिपोर्ट (Feasibility Report) तैयार करें और एक स्पष्ट रूपरेखा (Framework) विकसित करें ताकि दिल्ली को अपनी खुद की सहकारी टैक्सी सेवा मिल सके।”

इस सेवा में खास बात यह होगी कि:

  • प्लेटफॉर्म का स्वामित्व ड्राइवरों के पास होगा, न कि किसी निजी कंपनी के पास।
  • ड्राइवर सदस्य (Members) और हितधारक (Stakeholders) दोनों होंगे।
  • उन्हें अपनी कमाई का पूरा हिस्सा मिलेगा — कोई कमीशन नहीं देना होगा।
  • यात्रियों को ऐप के ज़रिए सीधे ड्राइवर से जोड़ा जाएगा।

💡 “सहकार टैक्सी” मॉडल से प्रेरित

दिल्ली की यह योजना महाराष्ट्र की सहकार टैक्सी (Sahkar Taxi) से प्रेरित है, जिसे केंद्रीय सहयोग मंत्रालय (Ministry of Cooperation) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि देशभर में एक राष्ट्रीय सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी — जिसमें टैक्सी, ऑटो, रिक्शा और दोपहिया वाहन सभी एक ही प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होंगे।
इस योजना में लाभ सीधे ड्राइवर-सदस्यों के बीच समान रूप से बांटा जाएगा, ताकि कॉर्पोरेट कंपनियों के मुनाफे की जगह आम ड्राइवर को फायदा मिले।


📱 सेवा कैसे चलेगी: “Cooperative Taxi App India” का ढांचा

दिल्ली सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप (Dedicated Mobile App) विकसित करेगी।
इस ऐप के जरिए:

  • यात्री सीधे ड्राइवर से राइड बुक कर सकेंगे।
  • कोई सर्ज प्राइसिंग (Surge Pricing) नहीं होगी।
  • पारदर्शी किराया स्लैब पहले से तय होंगे।
  • ऐप पर सभी लेन-देन सहकारी समिति द्वारा नियंत्रित होंगे।

अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार इस ऐप के लिए सभी नियामक मंजूरियाँ (Regulatory Approvals) जल्द ही पूरी करेगी ताकि सेवा का शुभारंभ बिना अड़चन के हो सके।

दिल्ली सरकार राइड-हेलिंग सेवा की योजना बना रही है
Cooperative Taxi App India

 


💬 सरकार का लक्ष्य: ड्राइवरों की आय और जीवन स्तर में सुधार

सरकार का कहना है कि इस पहल का प्रमुख उद्देश्य ड्राइवरों की आय, कार्य स्थितियों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
एक अधिकारी के अनुसार,

“हम चाहते हैं कि ड्राइवर केवल काम करने वाले न हों, बल्कि सिस्टम के सक्रिय सदस्य बनें। सहकारी मॉडल से उन्हें सामाजिक सुरक्षा, लाभ-साझेदारी और सम्मानजनक कामकाज का माहौल मिलेगा।”

यात्रियों को भी इस पहल से फायदा होगा — क्योंकि उन्हें मिलेगा:

  • सस्ता किराया
  • विश्वसनीय सेवा
  • किराए में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं

🏙️ दिल्ली के लिए विशेष मॉडल

सहकारिता मंत्री रविंदर इंद्राज ने स्पष्ट किया कि दिल्ली की योजना महाराष्ट्र के मॉडल की सीधी नकल नहीं होगी, बल्कि राजधानी की स्थानीय जरूरतों और ट्रैफिक पैटर्न के अनुसार डिजाइन की जाएगी।

उन्होंने कहा —

“हमारी सेवा दिल्ली के यातायात, दूरी, भीड़भाड़ और कामकाजी लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी। यह दिल्ली के लिए ‘Made in Delhi’ मॉडल होगा।”


💬 टैक्सी उद्योग का स्वागत

दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा —

“वर्तमान में निजी कैब एग्रीगेटर कंपनियाँ हर सवारी पर 30–40% तक कमीशन लेती हैं। इससे ड्राइवरों की आमदनी पर भारी असर पड़ता है। शुरू में जब ये कंपनियाँ आई थीं तो कमीशन शून्य था, लेकिन अब स्थिति उलट चुकी है।”

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को इस योजना में नए और पुराने दोनों प्रकार के CNG वाहनों को पंजीकरण की अनुमति देनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने ड्राइवरों के लिए कम ब्याज वाले वाहन ऋण (Affordable Vehicle Loans) की भी मांग की ताकि अधिक लोग इस योजना से जुड़ सकें।


⚡ ई-वाहन पर एक संतुलित नीति

संजय सम्राट ने यह भी कहा कि केवल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर आधारित सेवा शुरू करना व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि:

  • ई-वाहनों की लागत अभी भी अधिक है।
  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सीमित है।
  • ड्राइवरों की लाभप्रदता प्रभावित हो सकती है।

इसलिए उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि CNG और EV दोनों विकल्प खुले रखें, ताकि अधिक ड्राइवर इस योजना में भाग ले सकें।


📅 लॉन्च टाइमलाइन और आगे का रास्ता

महाराष्ट्र की “सहकार टैक्सी” दिसंबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है।
दिल्ली सरकार भी इसी दिशा में तेजी से काम कर रही है और अगले कुछ महीनों में इस प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता रिपोर्ट (Feasibility Study) और तकनीकी खाका (Technical Blueprint) तैयार करने की योजना बना रही है।

यदि सब कुछ तय समय पर हुआ, तो दिल्ली की सहकारी राइड-हेलिंग सेवा 2026 की शुरुआत तक लॉन्च हो सकती है।


🌍 क्यों जरूरी है यह कदम?

दिल्ली में राइड-हेलिंग सेवाओं का बाजार बहुत बड़ा है — लाखों यात्री रोज Ola/Uber का उपयोग करते हैं।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यात्रियों की मुख्य शिकायतें हैं:

  • किराए में अचानक वृद्धि (Surge Pricing)
  • राइड कैंसिलेशन
  • ड्राइवर असंतोष
  • बढ़ते कमीशन

दूसरी ओर, ड्राइवर लगातार कहते हैं कि उन्हें अपनी मेहनत का पूरा हक नहीं मिलता।
ऐसे में यह सहकारी मॉडल एक संतुलित, सामाजिक और आर्थिक रूप से टिकाऊ समाधान पेश कर सकता है।

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🧭 निष्कर्ष: “सवारी भी खुश, ड्राइवर भी खुश”

दिल्ली सरकार की यह योजना न केवल टैक्सी उद्योग के ढांचे को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि यह शहरी सहकारिता (Urban Cooperativism) का एक नया उदाहरण भी बनेगी।

यह मॉडल:

  • ड्राइवरों को सशक्त बनाएगा,
  • यात्रियों को राहत देगा,
  • और शहर को एक स्वदेशी, निष्पक्ष विकल्प प्रदान करेगा।

अगर यह योजना सफल होती है, तो यह देशभर में सहकारी आधारित डिजिटल सेवाओं का रास्ता खोल सकती है — जो भारत के “आत्मनिर्भर” और “सहकारी भारत” के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी।

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