🌏 भारत–कनाडा संबंधों में नई शुरुआत: जयशंकर–अनीता आनंद ने जारी किया सहयोग का रोडमैप

India Canada Relations News — भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल के महीनों में चल रही कड़वाहट के बाद अब एक नई गर्मजोशी और सहयोग की शुरुआत होती दिख रही है। सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने एक साझा बयान जारी करते हुए दोनों देशों के बीच “संबंध सामान्य बनाने के रोडमैप” की घोषणा की।

वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच भारत, कनाडा ने संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए रोडमैप तैयार किया
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इस रोडमैप में कानून प्रवर्तन संवाद (Law Enforcement Dialogue), आर्थिक सहयोग, सुरक्षा, और लोगों के बीच संपर्क (People-to-People Connect) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नई पहलें शामिल हैं।
यह कदम दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक कूटनीतिक मोड़ (Positive Diplomatic Turn) के रूप में देखा जा रहा है।


🤝 रचनात्मक और संतुलित साझेदारी की ओर

संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों ने यह स्पष्ट किया कि वे एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं और सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करते हुए रचनात्मक और संतुलित साझेदारी (Constructive and Balanced Partnership) की दिशा में काम करेंगे।

अनीता आनंद की यह भारत यात्रा उनके विदेश मंत्री बनने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

“पारस्परिक विकास और समृद्धि के लिए व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और लोगों के आदान-प्रदान में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।”


🔐 सुरक्षा और कानून प्रवर्तन पर साझा समझ

भारत की मुख्य चिंता खालिस्तान समर्थक गतिविधियाँ और भारत विरोधी तत्वों की मौजूदगी रही है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कहा कि ओटावा अपने देश की जमीन पर विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा को “बहुत गंभीरता से” लेता है।

उन्होंने कहा:

“कनाडाई लोगों को हमारे देश में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है, और यही भारत के साथ हमारी कानून प्रवर्तन वार्ता का उद्देश्य है।”

इससे साफ है कि दोनों देश अब सुरक्षा मुद्दों पर संवाद आधारित समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं — जो पिछले वर्ष से चली आ रही कूटनीतिक तनातनी को कम कर सकता है।


🏗️ व्यापार और निवेश पर नया फोकस

संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश “आज की आर्थिक वास्तविकताओं और रणनीतिक प्राथमिकताओं” के अनुरूप व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए जल्द ही मंत्री-स्तरीय बातचीत आयोजित करेंगे।

हालांकि व्यापक व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत अभी लंबित है, लेकिन दोनों देशों ने इसे जल्द पुनः आरंभ करने की इच्छा व्यक्त की है।
इसके अलावा, India–Canada CEO Forum को फिर से सक्रिय करने की भी घोषणा की गई है ताकि व्यावसायिक नेताओं के बीच प्रत्यक्ष संवाद से नए निवेश अवसरों की पहचान की जा सके।

फोरम निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित होगा:

  • स्वच्छ प्रौद्योगिकी (Clean Technology)
  • बुनियादी ढाँचा (Infrastructure)
  • कृषि-खाद्य (Agri-Food)
  • डिजिटल नवाचार (Digital Innovation)

⚡ ऊर्जा सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग

भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों ने खनन और ऊर्जा सुरक्षा पर विशेष सहयोग बढ़ाने की बात कही है।
कनाडा की खनन विशेषज्ञता भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) जैसे लिथियम, कोबाल्ट और निकल की आपूर्ति में अहम भूमिका निभा सकती है।

बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष नागरिक परमाणु सहयोग (Civil Nuclear Cooperation) पर चल रही बातचीत को भी आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं — जिससे स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों को बल मिलेगा।


🌐 वैश्विक परिदृश्य में मजबूत साझेदारी की जरूरत

दोनों देशों ने यह स्वीकार किया कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य —
जहाँ भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला के जोखिम बढ़ रहे हैं —
उसमें भारत–कनाडा साझेदारी का मजबूत और लचीला होना आवश्यक है।

संयुक्त बयान के अनुसार:

“यह साझेदारी न केवल आर्थिक सहयोग बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि वैश्विक गठबंधनों में हो रहे बदलाव से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने, अधिक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने और रणनीतिक स्थिरता को मजबूत करने में भी सहायक होगी।”


🕊️ रिश्तों में धीरे-धीरे लौट रही है सामान्यता

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के रिश्तों में लगातार प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा —

“हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक तंत्र को बहाल और मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। भारत कनाडा को एक पूरक अर्थव्यवस्था, खुला समाज और विविधता का प्रतीक मानता है।”

यह बयान संकेत देता है कि भारत–कनाडा संबंध अब टकराव की बजाय सहयोग के दौर में प्रवेश कर रहे हैं।


💼 मिशनों को मिलेगी नई ताकत

दोनों पक्षों ने यह भी सहमति जताई है कि भारत और कनाडा में स्थित राजनयिक मिशनों (Embassies) को और मज़बूत किया जाएगा।
इसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है।

इसके तहत:

  • विशेषज्ञ अधिकारियों की तैनाती बढ़ाई जाएगी।
  • मिशनों की संस्थागत क्षमता (Institutional Capacity) को मजबूत किया जाएगा।
  • विज़ा और इमिग्रेशन सेवाओं को और सुगम बनाया जाएगा।

🔄 भारत–कनाडा संबंध: हाल की पृष्ठभूमि

पिछले एक वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे —
खासकर 2023 में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद।
भारत ने उन आरोपों को “असत्य और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया था और कनाडाई राजनयिकों की संख्या में कटौती की थी।

लेकिन अब दोनों देशों द्वारा जारी यह संयुक्त वक्तव्य (Joint Statement) इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष संबंधों को पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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🧭 निष्कर्ष: सहयोग के नए युग की शुरुआत

भारत और कनाडा के बीच जारी यह नया रोडमैप “टकराव से सहयोग की ओर” बढ़ते रिश्तों का प्रतीक है।
कानून प्रवर्तन, व्यापार, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में साझेदारी का विस्तार दोनों देशों के लिए आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से लाभदायक साबित होगा।

अगर यह संवाद जारी रहा, तो निकट भविष्य में भारत–कनाडा रिश्ते फिर से विश्वसनीय साझेदारी (Trusted Partnership) के मॉडल बन सकते हैं।

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