🔹 वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या से हरियाणा प्रशासन में हलचल
IPS Officer Suicide Case Haryana: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या ने राज्य की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है।
उनकी मौत को पाँच दिन बीत चुके हैं, लेकिन मामले में विवाद और गंभीर आरोप लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
आईपीएस अधिकारी की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार, ने सीधे तौर पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर “उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने” का आरोप लगाया है।
उन्होंने मांग की है कि इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए।
🔸 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का सख्त रुख — “कोई कितना भी बड़ा हो, बख्शा नहीं जाएगा”
शनिवार शाम पंचकुला में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा:
“हमारी सरकार इस मामले की गहन जांच कराएगी। किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।”
यह बयान उस समय आया जब सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया।
बिजारणिया को कोई नई पोस्टिंग नहीं दी गई है और अब उन्हें पुलिस मुख्यालय पंचकुला से संबद्ध किया गया है।
सरकार की यह कार्रवाई इस पूरे मामले में पहला ठोस कदम मानी जा रही है।
🔹 आत्महत्या से जुड़ी पृष्ठभूमि — क्या था पूरा मामला?
आईपीएस वाई पूरन कुमार, जो पहले आईजी (रोहतक रेंज) के पद पर तैनात थे, ने कथित रूप से खुद को गोली मार ली।
घटना उस समय हुई जब उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार जापान दौरे पर थीं, जहाँ वे मुख्यमंत्री के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं।
मृतक अधिकारी के पास से मिला सुसाइड नोट बेहद संवेदनशील है, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर अपने वरिष्ठों — डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया — को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
🔹 पत्नी अमनीत पी कुमार का सख्त रुख — “जब तक FIR नहीं होगी, शव का पोस्टमार्टम नहीं”
अमनीत पी कुमार ने साफ कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे अपने पति का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगी।
उन्होंने अपने पति के शव को पीजीआई चंडीगढ़ के शवगृह में रखवाया है, लेकिन पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है।
शनिवार को जब चंडीगढ़ पुलिस ने शव परीक्षण कराने की कोशिश की, तो परिवार के विरोध के कारण प्रक्रिया रोक दी गई।
डीजीपी सागरप्रीत हुड्डा, आईजी पुष्पेंद्र कुमार और एसएसपी कंवरदीप कौर ने अमनीत से बात की, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
🔸 रोहतक एसपी बिजारणिया की भूमिका पर गंभीर सवाल
पूरन कुमार की पत्नी का आरोप है कि उनके पति को एक “झूठी एफआईआर” में फंसाया गया था, जिसने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया।
इस एफआईआर में पूरन कुमार के पीएसओ हेड कांस्टेबल सुशील कुमार पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था।
बिजारणिया उस मामले के निगरानी अधिकारी थे।
पुलिस का दावा था कि सुशील ने पूछताछ में “कबूल” किया था कि उसने पूरन कुमार की ओर से पैसे मांगे थे।
हालांकि, परिवार का कहना है कि यह बयान दबाव में दिलवाया गया था और यह पूरी कहानी “राजनीतिक और विभागीय साज़िश” का हिस्सा थी।

🔹 सरकार पर बढ़ता दबाव — क्या DGP शत्रुजीत कपूर होंगे अगला लक्ष्य?
हरियाणा सरकार द्वारा बिजारणिया के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब मुख्य दबाव डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर है।
अमनीत पी कुमार और कई आईएएस अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार उन्हें छुट्टी पर भेज सकती है, लेकिन शनिवार शाम तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।
🔸 नौकरशाही में विभाजन — “न्याय बनाम दबाव” की जंग
हरियाणा प्रशासन के भीतर अब स्पष्ट दो खेमे बन चुके हैं —
एक पक्ष अमनीत के समर्थन में खुलकर सामने आया है, जबकि दूसरा पक्ष डीजीपी और सिस्टम की रक्षा में लगा है।
कई वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर सरकार ने इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कराई, तो यह पूरी नौकरशाही के मनोबल पर असर डालेगा।
🔹 CM सैनी ने जताई संवेदना, विपक्ष ने उठाए सवाल
सीएम नायब सिंह सैनी ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि जांच निष्पक्ष होगी।
वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार “बचाव की राजनीति” कर रही है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कही है।
आप विधायक अमीत रतन, जो अमनीत के भाई हैं, ने कहा:
“यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि एक संस्थागत हत्या है।”
🔸 सोशल मीडिया पर गुस्सा — #JusticeForPoonamKumar ट्रेंडिंग
सोशल मीडिया पर #JusticeForPoonamKumar और #SuspendDGPKapoor जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
हजारों लोग आईपीएस अधिकारी की मौत को लेकर पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर इतने वरिष्ठ अधिकारी के साथ ऐसा हो सकता है, तो सिस्टम में आम कर्मचारियों का क्या हाल होगा?
🔹 आगे की कार्रवाई: जांच एजेंसी या SIT की माँग
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सरकार पर अब SIT (Special Investigation Team) गठित करने का दबाव है।
कुछ सूत्रों का कहना है कि जांच को CBI या Vigilance Bureau को भी सौंपा जा सकता है।
मुख्यमंत्री सैनी ने संकेत दिया है कि “किसी भी स्तर पर जांच से पीछे नहीं हटेंगे”।
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🟢 निष्कर्ष: “पूरन कुमार मामला” सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, सिस्टम पर सवाल
वाई पूरन कुमार की मौत सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है —
यह हरियाणा की प्रशासनिक व्यवस्था, पुलिस की जवाबदेही और मानसिक दबाव की संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या हरियाणा सरकार DGP शत्रुजीत कपूर पर कार्रवाई करती है या नहीं।
